विजयनगर राज्य के राजा कृष्णदेव राय ने अपने महल के बगीचे में गुलाब के पौधे लगवाए थे। राजा जब भी दुखी होता था तो वह उस बगीचे में आकर बैठता था जहाँ पर सुंदर-सुंदर गुलाब के फूल देखकर वह मंत्रमुग्ध हो जाता था। एक दिन उसने देखा कि बगीचे से गुलाब के फूल दिन प्रतिदिन गायब होते जा रहे हैं। उसने माली को बुलाकर पूछा बगीचे से फूल क्यों कम होते जा रहे हैं।
माली ने जबाब दिया- “महाराज मैं पूरे दिन बगीचे में रहता हूँ शाम को मेरे घर जाने के बाद कोई बगीचे से फूल तोड़कर ले जाता होगा।” मैं आपसे विनती करता हूँ कि फूलों की रखवाली के लिए सिपाही को लगाना चाहिए जिससे चोर को पकड़ा जा सके। माली के कहे अनुसार राजा कृष्णदेव राय बगीचे की रखवाली के लिए सिपाही को रखवा देता है।
अगले दिन सिपाही ने तेनाली राम के बच्चे को बगीचे में फूल तोड़ते हुए पकड़ लिया। उसके हाथों में कुछ गुलाब के फूल भी थे। राजा के सिपाही अगर किसी व्यक्ति को चोरी करते हुए पकड़ते थे तो उसे गाँव की सड़कों पर घुमाते हुए दरबार में ले जाते थे। जिससे गाँव वालों को पता चल सके की इसने चोरी की हैं और वह व्यक्ति लोगों के सामने लज्जित हो।

जब तेनाली राम के बेटे को उसके घर के सामने से ले जा रहे थे तो लड़के की माँ तेनाली राम से कहती हैं। आप तो राजा के बहुत करीबी हो आप कुछ करो हमारे बच्चे को सिपाही ले जा रहे हैं। तेनाली राम ने जोर से बोला अपना बचाव करने के लिए इसे खुद मुँह खोलना पड़ेगा। मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। उसका बेटा बहुत दुखी हुआ कि उसके पिता उसे बचा नहीं रहे हैं।
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सिपाही के साथ कुछ दूर चलने के बाद तेनाली राम का लड़का एकाएक अपने पिताजी की कही हुई बात को सोचता हैं। वह रास्ते में चुराए हुए गुलाब को खाना शुरू कर देता हैं। राजा के दरबार पहुँचने तक वह पूरे फूलों को खा जाता हैं। जब सिपाही तेनाली राम के बच्चे को राजा कृष्णदेव राय के सामने पेश करता हैं तो राजा उसे फटकार लगाता हैं कि इतना छोटा बच्चा फूलों की चोरी क्यों करेगा?
सिपाही राजा से कहता हैं, महाराज! मैंने इस बच्चे को रंगे हाथों से पकड़ा हैं, चोरी इस लड़के ने की हैं। राजा सिपाही के कहता हैं तुम्हारे पास क्या सबूत हैं कि चोरी इस लड़के ने की हैं। सिपाही कहता हैं महाराज इस लड़के के हाथ में फूल हैं। लड़का अपने दोनों खाली हाथ राजा के सामने दिखाता हैं। जिसके लिए सिपाही को राजा फटकार लगाता हैं। एक बार तेनाली राम की बुद्धिमानी के कारण उसका लड़का दंड पाने से बच जाता हैं।