तेनाली राम राजा कृष्णदेव राय के बहुत करीबी हास्य कवि तथा उनके दरबार के आठवें मंत्री थे। तेनाली राम बुद्धिमान, चतुर और हाजिरजवाब थे। राजा कृष्णदेव राय को नए-नए व्यंजनों को खाने-पीने का बहुत शौक था। इसलिए, उन्होंने अपने महल में बहुत अच्छी-अच्छी किस्म की सब्जियाँ लगवा रखी थी। उन्ही सब्जियों में राजा की सबसे पसंदीदा सब्जी जोकि बैंगन थी व उन्होंने बैंगन की अच्छी किस्म लगवाई थी। जिसकी रखवाली के लिए राजा ने दरबारियों को लगा रखा था और उस बगीचे की देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति की नियुक्त भी किया था। उस बगीचे में उसके सिवाय कोई और नहीं जा सकता था।
एक बार राजा कृष्णदेव राय ने दरबार में अपने साथ भोजन करने के लिए तेनाली राम को आमंत्रित किया। राजा के भोजन में उनकी मनपसंद बैंगन की सब्जी बनी थी। जिसे तेनाली राम ने खाकर बहुत वाह-वाह किया। बैंगन की सब्जी तेनाली राम को खूब पसंद आई। तेनाली राम शाम को जब वापस घर आया तो वह राजा के द्वारा दिए हुए दावत के बारे में बताते हुए उसने स्वादिष्ट बैंगन की सब्जी के बारें में भी बताया। उसकी बातों को सुनकर तेनाली राम की पत्नी के मुँह में पानी आ गया।
तेनाली राम की पत्नी वही बैंगन की सब्जी खाने की जिद्द करने लगी। बहुत कहने पर तेनाली राम रात को चुपके से राजा के बगीचे में गया और बैंगन तोड़कर लाया। उस रात तेनाली राम की पत्नी ने बैंगन की सब्जी बनाई। जब दोनों खाना-खाने लगे, तो दोनों को सब्जी खूब पसंद आई। उसकी पत्नी सोचती हैं, इतना स्वादिष्ट खाना हमारे बेटे को भी खाना चाहिए। वह अपने पति से कहती हैं- “जाओ बेटे को जगाकर आओ जोकि, छत पर सो रहा हैं।

तेनाली राम अपनी पत्नी को समझाने की कोशिश करता हैं कि अगर वह बैंगन की सब्जी खाएगा तो सबको बता देगा। जिससे मेरी चोरी पकड़ी जा सकती हैं। लेकिन, तेनाली राम की पत्नी उसकी बातों को नहीं मानती। वह जोर दबाव डालकर उसे अपने बेटे को जगाने के लिए छत पर भेज देती हैं। तेनाली राम अपने साथ पानी से भरा एक लोटा लेकर छत पर जाता हैं। वह अपने बेटे के ऊपर जोर-जोर से पानी छिड़कने लगता हैं, और उसे जागते हुए कहता हैं- “उठो बेटा, जल्दी करो पानी बरस रहा हैं” कहते हुए और जल्दी-जल्दी पानी का छिड़काव करने लगता हैं।
और कहानी पढ़ें: अकबर-बीरबल के 5 सबसे प्रसिद्ध और मजेदार कहानियाँ
अगली सुबह माली खेत में देखता हैं कि उसके बगीचे से कोई बैंगन चोरी करके ले गया हैं। माली तुरंत जाकर राजा से इस बात के बारे में बताता हैं। राजा को तुरंत संदेह हो जाता हैं कि यह काम जरूर तेनाली राम ने ही किया होगा। राजा जानता था कि तेनाली राम बहुत चतुर हैं। बैंगन के बारे में तेनाली राम से पूछने पर वह बातों को घुमा सकता हैं। वह अपने मंत्रियों से तेनाली राम के बेटे को बुलवाता हैं।
राजा तेनाली राम के बेटे से पूंछता हैं कि कल रात तुमने खाने में क्या खाया था? लड़के ने जबाब दिया बैंगन की सब्जी। जोकि, बहुत ज्यादा स्वादिष्ट थी। ऐसी सब्जी मैंने पहले कभी नहीं खाई थी। लड़के की बातों को सुनकर राजा पूरी तरह से समझ जाता हैं कि बगीचे में लगे बैंगन की चोरी तेनाली राम ने ही की हैं। लेकिन, दरबार में ही बैठे तेनाली राम राजा से कहने लगा- “कल हमारे घर में सब्जी बनी ही नहीं थी, जरूर इसने स्वप्न देखा होगा।
तेनाली राम राजा के सामने लड़के से पूछता हैं कल रात का मौसम कैसा था। लड़का जबाब देता हैं, राजन! कल रात बहुत भयानक बारिश हो रही थी। वही बैठे अन्य दरबारी कहते हैं- “राजन! कल रात बारिश नहीं हुई थी, ये बच्चा जरूर कोई स्वप्न देखा हैं।” तेनालीराम राजा से कहता हैं कि जरूर इसने स्वप्न में बैगन की सब्जी भी खाई होगी। राजा तेनाली राम की बातों को मान जाता हैं। उसके ऊपर चोरी का इल्जाम लगाने के लिए उससे माँफी माँगता हैं।
सीख:
धैर्य और बुद्धिमानी के साथ हर किसी समस्या का हल निकाला जा सकता हैं।