1. शिल्पकार और पत्थर की कहानी – The Story of the Craftsman and the Stone:
कुछ समय पहले की बात हैं, एक शिल्पकार बहुत दूर पहाड़ी से दो पत्थर ले कर आया, जिससे वह मूर्ति बनाना चाहता था। कई दिनों बाद शिल्पकार अपनी छेनी और हथौड़ी से पत्थर को मूर्ति का रूप देने जा रहा था। उन दोनों पत्थर में से एक पत्थर पर जब पहली हथौड़ी मारी तो वह पत्थर जोर-जोर से रोने और चिल्लाने लगा और बोलने लगा मुझे मत तोड़ो मुझे बहुत दर्द हो रहा हैं।
पत्थर की बातें सुन शिल्पकार दूसरा पत्थर लाया और उस पर अपनी छेनी और हथौड़ी से मूर्ति का रूप दे दिया। एक दिन उसके पास कुछ लोग मूर्ति लेने आए और वह उस मूर्ति को अपने साथ ले गए। वे दूसरे पत्थर को भी साथ ले गए और दोनों पत्थर मंदिर मे रखा गया। लेकिन, एक की पूजा होती और उसके ऊपर जल और दूध चढ़ता जबकि दूसरे पत्थर के ऊपर नारियल तोड़ा जाता जिससे दूसरा पत्थर सारी उम्र कष्ट झेलता रहा।
कहानी से सीख: अगर हम अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में थोड़ा कष्ट उठा लेंगे, तो हमे पूरी जिंदगी में कष्ट नहीं उठाना पड़ेगा और हमारा जीवन सुखमय हो जाएगा।
2. गधा और धोबी की कहानी – The Donkey and the Washerman Story:

एक धोबी और उसकी पत्नी अपने साथ गधे पर कपड़े का गट्ठर लाद कर जा रहा था। रास्ते में उसे एक पंडित जी मिले और बोलने लगे आप लोग कितने क्रूर और निर्दयी व्यक्ति हो। आपको इस जानवर के ऊपर कपड़े का गट्ठर नहीं लादना चाहिए। आपको पाप लगेगा जिसके कारण तुम लोग नरक में जाओगे। धोबी ने पंडित जी की बात मान ली और कपड़े के गट्ठर को अपने सिर पर रख लिया और गधे को साथ में लेकर चलने लगे।
आगे कुछ दूर जाने पर धोबी की मुलाकात एक कुम्हार से होती हैं। कुम्हार बोलता हैं कि आप दोनों से बड़ा मूर्ख इंसान इस दुनिया में कोई नहीं होगा। गधा साथ में होते हुए आप दोनों पैदल जा रहे हो आप लोगों को गधे पर बैठ कर जाना चाहिए। अब धोबी और उसकी पत्नी उस गधे पर बैठ कर चलने लगे।
थोड़ी दूर आगे जाने के बाद धोबी की मुलाकात एक वैद्य से होती हैं जो धोबी को बोलता हैं कि आप दोनों बहुत निर्दयी हो जो इस गधे के ऊपर बैठ कर जा रहे हो। धोबी और उसकी पत्नी गधे के ऊपर से उतर जाते हैं और गधे को अपने ऊपर उठा कर चलने लगते हैं। आगे कुछ दूर चलने पर धोबी की मुलाकात एक भिखारी से होती हैं। जो उन दोनों को देखकर जोर-जोर से हंसने लगा। धोबी और उसकी पत्नी असमंजस में पड़ गए, अब क्या करें।
कहानी से सीख: हमें दूसरों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें अपनी सोच और समझ के साथ काम करना चाहिए। अच्छा करो या बुरा लोग तो कहते रहेंगे।
3. शरारती मेंढक और चींटी की कहानी – The Story of the Mischievous Frog and the Ant:

एक बार की बात हैं, एक चींटी और तितली के बीच बहुत गहरी दोस्ती थी। दोनों साथ-साथ खेलते और एक दूसरे के सुख-दुख में सहायता करते थे। एक बार तितली और चींटी कहीं घूमने गए। वहाँ से वापस आते समय उन दोनों को नदी में एक टापू दिखाई दिया जहाँ पर बहुत अच्छे-अच्छे फल और फूल-पत्ते लगे थे। तितली ने चींटी से बोला,”मैं तो वहाँ तक घूम कर आती हूँ। क्या आप भी उस टापू पर घूमने चलोगी” चींटी तितली के ऊपर बैठ कर टापू पर पहुँच गई। उसी टापू पर एक लालची मेंढक रहता था।
वह तितली को पकड़ कर खा गया। अब चींटी टापू के उस पार कैसे जाए सोचकर रोने लगी। लालची मेढक ने बोला चलो मै तुम्हें उस पार छोड़ आता हूँ। मेढक ने अपनी पीठ पर चींटी को बैठाया और नदी में तैरते हुए चल दिया। बीच नदी में पहुंचने पर मेंढक को शरारत सूझी और बोला,”मुझसे अब और नहीं चला जाता”। तुम बहुत भारी हो, तुम अब यही उतार जाओ और शरारती मेढक ने चींटी को पानी में गिरा कर नदी में मस्ती करने लगा। चींटी नदी में बहते-बहते किसी तरह से पत्ते के सहारे किनारे लगी।
कहानी से सीख: आपको कभी किसी के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। बल्कि उसके साथ किए वादे को हर हाल में पूरा करना चाहिए।
4. गरीब बच्चा और आइसक्रीम की कहानी – The Story of the Poor Child and the Ice cream:

एक छोटा सा लड़का एक होटल में गया और वहां के वेटर से आइसक्रीम के दाम पूछें। वेटर उसे दो प्रकार की आइसक्रीम के दाम बताता है। लेकिन, लड़का सिर्फ सस्ती वाली आइसक्रीम मांगता है। वेटर सोचता है कि लड़का कंजूस है और उसके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं।
लेकिन जब लड़का आइसक्रीम खाकर चला जाता है, तो वेटर देखता है कि लड़का उसके लिए 15 रुपए का टिप भी छोड़ गया है। वेटर को समझ आता है कि लड़के ने टिप देने के लिए अपनी पसंद की आइसक्रीम नहीं खाई। वेटर को अपनी गलत सोच का एहसास होता है। वह लड़के के बारे में गलत धारणा के लिए शर्मिंदगी महसूस करता हैं।
कहानी से सीख: यह कहानी आपको बताती है कि किसी भी इंसान के बारे में धारणा बनाने से पहले उसकी सच्चाई जाननी चाहिए।
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5. लाचार पत्थर और पानी की कहानी – Story of Helpless Stone and Water:

बहुत समय पहले की बात हैं, एक नदी में एक गुस्सैल पत्थर रहता था। पत्थर पानी के लहरों से लगातार टकराता रहता था। जिसके कारण पत्थर को बहुत गुस्सा आता और वह दुखी होता। लेकिन, पत्थर लाचार था, करें भी तो क्या करें। धीरे-धीरे, समय बीतता गया वह पानी से लगातार टकराता रहा। कुछ समय बाद वह पानी से टकराने के कारण चिकना और सुंदर बन गया। जिसे कोई अच्छा व्यक्ति अपने साथ ले गया और उसे मंदिर में रख दिया। जिसके कारण लोग उस पत्थर की पूजा करने लगे।
कहानी से सीख: हमें मुश्किलों को चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए। मुश्किलें हमें मजबूत बनाती हैं।
6. कछुआ और खरगोश की कहानी – Story of Tortoise and Rabbit:

प्रेमवन में एक खरगोश रहता था, जिसे अपनी तेज दौड़ पर बहुत नाज़ था। उस खरगोश को जो भी जानवर मिलता, वह उसे अपने साथ रेस लगाने के लिए कहता। एक दिन वह वन के पास नदी में पानी पीने गया हुआ था। उसी नदी में उसे एक कछुआ दिखाई दिया, खरगोश ने कछुए को अपने साथ रेस लगाने के लिए ललकारा। कछुआ उसके साथ रेस लगाने के लिए तैयार हो गया।
जंगल के सभी जानवर एकत्र हुए, कछुआ और खगोश में रेस शुरू हुई। खरगोश तेजी से भाग निकला तथा कछुआ धीरे-धीरे चलता रहा। कुछ दूर चलने के बाद खरगोश ने पीछे मुड़कर देखा तो कछुआ अपनी धीमी चाल से आ रहा था। खरगोश और तेज भागने लगा लगभग आधे रास्ते और चलकर खरगोश ने पीछे मुकड़कर देखा तो दूर-दूर तक कछुआ दिखाई नहीं दिया।
खरगोश ने सोचा,”अभी तो कछुआ बहुत पीछे हैं, चलो इस पेड़ के नीचे थोड़ा आराम कर लेता हूँ”। लेकिन, खरगोश की आँख लग गई और वह सो गया।कछुआ अपनी चाल से धीरे-धीरे चलता रहा, देखते ही देखते कछुए ने खरगोश को पीछे छोड़ दिया और अपने लक्ष्य पर पहुँच गया। कुछ समय बाद खरगोश की आँख खुली और वह तेजी से अपने लक्ष्य की तरफ भागने लगा वहाँ पहुच कर देखा तो कछुआ पहले से पहुंचा हुआ था। इस प्रकार से कछुए को जंगल के जानवरों ने विजयी घोषित कर दिया। खरगोश को अपने अभिमान पर बहुत पछतावा हुआ।
कहानी से सीख: हमें अपने बुद्धिमत्त्वा तथा कामयाबी पर कभी अभिमान नहीं करना चाहिए।
7. चिड़िया और आग की कहानी – Story of Bird and Fire:

एक बार की बात हैं एक छोटा सा गाँव रामपुर जहाँ पर सभी लोग बहुत हँसी खुशी रहते थे। एक बार उस गाँव में आग लग गई। गाँव के सभी लोग नदी से पानी भर कर आग को बुझाने की कोशिश करने लगे। आग बहुत भयानक थी जिसके कारण आग को बुझाने में काफी समय लग रहा था।
आसमान में उड़ रही एक चिड़िया ने आग को देखा तो उसका ह्रदय पिघल गया और वह भी अपनी चोंच में नदी से पानी भरकर डालने लगी। उसको ऐसा करते हुए नदी के किनारे बैठे कौए ने देखा और चिड़िया से बोला, क्यों परेशान हो रही हो बहन, तुम्हारे एक-एक बूंद से आग नहीं बुझने वाली और जोर-जोर से उसके ऊपर हंसने लगा।
चिड़िया बड़े मधुर आवाज में कौए से बोली,”भईया आपने वो कहावत तो जरूर सुनी होगी बूंद-बूंद से घड़ा भरता हैं। हमारी छोटी-छोटी कोशिशे हमें बड़ा बनाती हैं। जबकि, हर शुरुआत शून्य से होती हैं”। फिलहाल, जब भी आग बुझाने वालों का नाम लिया जाएगा तो मेरा नाम भी उसमें शामिल होगा। उसकी बातें सुन कौआ शर्मिंदा हो उठा और चिड़िया के ऊपर किए गए टिप्पणी को लेकर उसे बहुत पछतावा होने लगा और कौआ बोला बहन मुझे माफ कर दो।
कहानी से सीख: हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। हमें अपनी क्षमता पर विश्वास रखना चाहिए और ध्यान रहे, हम अपनी छोटी-छोटी कोशिशों से ही जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
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8. बूढ़े व्यक्ति और छोटी बच्ची की कहानी – Story of the Old Man and the Little Girl:

एक छोटी सी लड़की अपने पिता के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी। ट्रेन में एक बूढ़ा व्यक्ति भी बैठा था, जो लड़की को बार-बार देखता और फिर दूसरी तरह मुंह करके रोने लगता। लड़की के पिता को उसकी नज़रें पसंद नहीं आ रही थी और उसने बूढ़े व्यक्ति पर घूरने तथा पकड़ने का इल्ज़ाम लगाया।
बूढ़ा आदमी उसे समझाने की कोशिश करता है कि उस लड़की को देखकर उसे अपनी पोती की याद आ जाती हैं। जोकि, ठीक उसी लड़की की तरह दिखती थी जो कुछ साल पहले मर गई थी, जिसे वह बहुत प्यार करता था। यह कहते हुए बूढ़ा आदमी रोने लगा।
बूढ़े आदमी की बातें सुनकर लड़की के पिता को बहुत दुख हुआ और वह उस बुजुर्ग से माफी मांगता है। बूढ़ा आदमी उसे माफ कर देता है। लड़की को उसकी बात सुनकर बहुत अच्छा लगता है और वह उसे अपना दादा बना लेती है।
कहानी से सीख: आपको किसी से बिना सोचे समझे बहस नहीं करनी चाहिए।
9. खरगोश और बंदर की कहानी – Story of Rabbit and Monkey:

एक जंगल में छोटा सा खरगोश अपने परिवार के साथ रहता था। वह हमेशा बहुत खुश और उल्लासित रहता था। जबकि उसके कारण जंगल के अन्य जानवर भी खुश रहते थे। क्योंकि, खरगोश बहुत चंचल और हंसमुख स्वभाव का था। एक दिन वह खरगोश जंगल से खेलकर अपने घर जा रहा था तो उसकी मुलाकात एक शरारती बंदर से होती हैं। बंदर उस खरगोश को डरपोक, निकम्मा, कायर और बहुत कुछ भला-बुरा बोलता हैं। जिसके कारण खरगोश सदमें में चला जाता हैं।
अब खरगोश पहले की तुलना में बहुत शांत रहने लगा था। हमेशा वह बंदर की बातों के बारें में ही सोचता रहता था। इसके आलवा अब वह जंगल में किसी के साथ खेलता भी नहीं था। अब वह सबसे अलग अकेले किसी शांत जगह में बैठना पसंद करता था। एक बार जब वह खरगोश नदी से पानी पी रहा था तो उसकी मुलाकात एक हाथी से हुई। उसने खरगोश की परेशानी का कारण पूछा। खरगोश ने अपनी सारी बात हाथी से बता दी।
हाथी ने खरगोश के बच्चे को समझाते हुए कहा,”हमें अपने आपको मजबूत बना कर रखना चाहिए किसी की फालतू बातों का असर अपने ऊपर नहीं पड़ने देना चाहिए। इसके अलावा हाथी ने खरगोश को बहुत सारी बातें बताई। जिसके कारण खरगोश के अंदर दुबारा से वही चेतना आ गई। अब उसके ऊपर किसी की फालतू बातों का कोई असर नहीं पड़ रहा था। इस तरह से खरगोश अब हमेशा खुश रहने लगा था।
कहानी से सीख: यह कहानी आपको बताती है कि आपको अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए और दूसरों की फालतू बातों का असर नहीं होने देना चाहिए।
10. चिड़िया और साँप की कहानी – Story of Bird and Snake:
एक पीपल के पेड़ पर चिड़िया और उसके बच्चे घोंसले में रहते थे। प्रतिदिन वह अपने बच्चों के लिए खाना लाने जाती थी। उसके घोंसले के पास एक खतरनाक सांप भी रहता था जो उसके बच्चों को खाना चाहता था। एक दिन जब चिड़िया अपने बच्चों के लिए खाना लेकर लौट रही थी तो उसने देखा कि साँप उसके बच्चों को खाने की ललक में था।
यह सब देख चिड़िया बहुत डर गई और उसे लगने लगा की उसके बच्चों का कोई भविष्य नहीं होगा। यह साँप कभी भी घोंसले में आ सकता हैं। लेकिन, चिड़िया ने एक आग का गोला तेजी से उसके घोंसले के पास आता हुआ देखा। वह जानती थी कि वह आग का गोला उसके घोंसले और उसके बच्चों को भी जला देगा।
चिड़िया ने तुरंत, उस आग के गोले को अपने पंखों से ढकने की कोशिश की और उसे बुझा भी दिया। जिसके कारण उसके पंख भी जल जाते हैं। लेकिन, चिड़िया अपनी जान की प्रवाह किए बिना बच्चों को बचा लेती हैं। उसके इस कार्य को देखकर सांप को बहुत आश्चर्य होता है। चिड़िया की हिम्मत और अपने बच्चों के प्रति लगाव देख साँप बहुत प्रभावित होता है। उसे अपनी गलती का एहसास होता है और उस पेड़ को छोड़कर जंगल में चला जाता हैं।
कहानी से सीख: कोई भी बड़ी से बड़ी परेशानी सामने खड़ी हो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। बल्कि, उसका डट कर सामना करना चाहिए।