जन्मदिन पर एक अनोखा उपहार – A unique gift on birthday

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कुछ समय पहले की बात हैं, आदर्श कालोनी में गोपाल नाम का एक बच्चा रहता था। गोपाल अपने जन्मदिन का इंतजार बहुत बेसब्री से करता था। क्योंकि, उसके जन्मदिन पर उसे अपने दोस्तों से ढेर सारे खिलौने गिफ्ट के रूप में मिलते थे। किसी कारणवश उसके माता-पिता हर बार गोपाल के जन्मदिन को किसी अच्छे रेस्टोरेंट में रिस्तेदारों तथा उसके दोस्तों के साथ मनाते थे। गोपाल इस बार अपना 15वाँ जन्मदिन घर पर मनाने की तैयारी कर रहा था। इस शुभ अवसर पर उसने अपने सभी दोस्तों को भी बुला रखा था।

शाम के समय जब एक-एक करके उसके घर पर दोस्तों का आना शुरू हुआ तो गोपाल बहुत खुश हो रहा था। लेकिन, जब सभी दोस्त उसके घर पर इकट्ठा हो गए तो गोपाल की नजर दोस्तों के हाथों पर गई और देखा कि दोस्तों के हाथों में कोई गिफ्ट नहीं था। कुछ समय के लिए गोपाल अचंभित हो उठा। उसने मन ही मन में सोचा कि इस जन्मदिन पर मेरे सारे दोस्त खाली हाथ क्यों आए होंगे?

गोपाल को देख उसका सबसे करीबी दोस्त मोहित उसके अंदर चल रहे विचारों को समझ कर उसके पास आता हैं। उससे पूछता हैं कि गोपाल आप क्या सोच रहे हो? उसने “कुछ नहीं”, बोलकर उसकी बातों को टाल देता हैं। लेकिन गोपाल को अपने दोस्तों को खाली हाथ देख कर बहुत बुरा लग रहा था। उसका दोस्त मोहित उसे समझाते हुए कहता हैं कि आप चिंता मत करो हम लोग आपके लिए गिफ्ट लाए हैं।

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गोपाल के घर में पार्टी शुरू होती हैं। गोपाल रूठे मन से केक काटता हैं। क्योंकि इस बार उसे बहुत सारे गिफ्ट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उसे ऐसा कुछ दिख नहीं रहा था। उसके सभी दोस्तों ने इस जन्मदिन पर उसे एक अनोखा सरप्राइज देने का प्लान किया था। अब गोपाल के सारे दोस्त उसकी आँखों पर पट्टी बांध कर उसको उसके घर के सामाने ले जाते हैं। उसके बाद गोपाल की आँखों की पट्टी खोल देते हैं।

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गोपाल देखता हैं कि उसके घर की सामने वाली गली, गमले की फुलवारी तथा पेड़-पौधे और लाइटिंग से चमचमा रही थी। आदर्श कालोनी की सभी गलियाँ साफ-सुथरी, फूलों और पेड़-पौधों से बहुत सजी रहती थी। लेकिन, गोपाल के घर के सामने वाली गली में ही बहुत गंदगी रहती थी। जब भी कोई दोस्त गोपाल से मिलने उसके घर पर आता था तो उसे गंदगी और बदबू के कारण मास्क लगाकर गली से आना पड़ता था। इसलिए, उसके जन्मदिन पर सभी दोस्तों ने मिलकर उस गली को साफ सुथरा करके फूलों के गमलों से सजा दिया था।

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गली की सुंदरता को देख गोपाल खुश हो गया और सभी दोस्तों को अपने गले से लगा लिया। गोपाल के सभी दोस्तों ने एक दूसरे को जन्मदिन पर कुछ इसी प्रकार से गिफ्ट देने का वादा किया। इस तरह से गोपाल के दोस्तों के द्वारा दिए गए सरप्राइज़ को सुनकर उस कॉलोनी के मुखिया ने उसके दोस्तों को एक समारोह, आयोजित करके कालोनी के लोगों के सामने सम्मानित भी किया।

नैतिक सीख:

छोटे-छोटे बदलाव ही लोगों को जीवन जीने की कला सीखाते हैं। हम अगर सीखना चाहे तो बच्चों से बहुत कुछ सीख सकते हैं।

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